महँगाई की मार, निशाने पर सरकार

भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जब विश्व में मूल्य स्थिर चल रहे हैं और अनेक हिस्सों में तो खाद्यान्न की कीमतें तो वास्तव में गिर रही है, तब संप्रग सरकार की ठोस नीति के अभाव के चलते भारत भयंकर महँगाई के दौर से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा कि एक महीने में कीमतों में वृद्धि का ‘दोहरा डोज’ पूरी तरह अनुचित है और यह और कुछ नहीं बल्कि सरकार द्वारा आम आदमी की ‘लूट’ है।
संप्रग सरकार पर निशना साधते हुए जावड़ेकर ने कहा कि लोग जब सामान्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से बढ़ी महँगाई से जूझ रहे हैं तब सरकार को इसका निदान करना चाहिए था, लेकिन उसने ऐसा करने की बजाय पेट्रोल के दाम दो बार बढ़ा दिए।
उन्होंने कहा कि नियंत्रण मुक्त होने के नाम पर वास्तव में तेल कंपनियों का समूह सरकार के संरक्षण में कीमतों में बढ़ोतरी कर रहा है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि महँगाई से निपटने के मामले में उसमें दृष्टि और इच्छाशक्ति का अभाव है।
उधर, माकपा महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि सरकार चीनी, खाद्य पदार्थ, पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर क्या कर रही है। इस पर काबू करना सरकार की जिम्मेदारी है। अब सवाल यह है कि सरकार महँगाई रोकने में सक्षम है अथवा नहीं।
ममता बनर्जी भी नाराज : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बिना सलाह किए पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने के लिए केंद्र को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनकी पार्टी इसके खिलाफ राज्य में ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन करेगी।
ममता ने कहा कि हम केंद्र में गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन इसके बावजूद हमें पेट्रोल की कीमतें बढ़ाए जाने के बारे में जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि कीमतें बढ़ने से आम जनता बहुत मुश्किल में आ गई है।
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