Wednesday, November 10, 2010

बचपन की बोरियत सपनों से भरी बोरियत होती है



एक
साक्षात्कार में विख्यात इतालवी उपन्यासकार इतालो काल्वीनो से पूछा गया
"क्या आप कभी बोर हुए हैं?"

इतालो का जवाब था: " हां, बचपन में. लेकिन मैं
यहा पर बताना चाहूंगा कि बचपन की बोरियत एक खास तरह की बोरियत होती है. वह सपनों से
भरी बोरियत होती है जो आपको किसी दूसरी जगह किसी दूसरी वास्तविकता में प्रक्षेपित
कर देती है. वयस्क जीवन की बोरियत किसी काम को बार-बार किये जाने की वजह से पैदा
होती है - यह किसी ऐसी चीज़ में लगे रहने से होती है जिस से अब आप किसी अचरज की
उम्मीद नहीं करते. और मैं ... मेरे पास कहां से समय होगा बोरियत के लिए! मुझे सिर्फ़
डर लगता है कि कहीं मैं अपनी किताबों में अपने को दोहराने न लगूं. यही वजह है कि जब
जब मेरे सामने कोई चुनौती होती है, मुझे कुछ ऐसा खोजने में लग जाना होता है जो इतना
नई हो कि मेरी अपनी क्षमता से भी थोड़ा आगे की चीज़ हो."


NAIEM..

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